गाज़ा में 'अकल्पनीय पीड़ा' समाप्त होनी चाहिए, परमधर्मपीठ
वाटिकन सिटी
न्यू यॉर्क, शुक्रवार, 26 जनवरी 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): संयुक्त राष्ट्र संघाय सुरक्षा परिषद में दिये एक भाषण में, परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल गाच्या ने कहा है, "आतंकवाद के जघन्य कृत्य के परिणामों से गाज़ा की पूरी आबादी को भुगतान करने से बचाना आवश्यक है।"
संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा परिषद में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष गाच्या ने बुधवार को कहा कि सन्त पापा फ्रांसिस ने गाज़ा में युद्ध पर "गहरी चिंता" जताई है और युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को वे नवीनीकृत करते रहे हैं।
गाज़ा में "अकल्पनीय" पीड़ा
महाधर्माध्यक्ष ने इस बात को रेखांकित किया कि "गाज़ा में मानवीय स्थिति अत्यधिक गंभीर है" और "अकल्पनीय पीड़ा" उत्पन्न कर रही है। इज़राइल में 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमले की सन्त पापा फ्रांसिस द्वारा बारम्बार निंदा पर ज़ोर देते हुए, इतालवी महाधर्माध्यक्ष गाच्या ने कहा कि "आत्मरक्षा हेतु की गई कोई सी भी कार्रवाई को सन्तुलन और आनुपातिकता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होना चाहिए और हर स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह निंदनीय है कि अस्पताल, स्कूल और आराधना स्थल, जो गाज़ा में हिंसा से भागने वालों के लिए अंतिम विकल्प हैं, उनका उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है और परिणामस्वरूप उन पर हमला किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि "सभी पक्षों द्वारा इस तरह की सैन्य गतिविधि बंद होनी चाहिए और लोगों एवं उक्त स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत दी गई सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए।"
महाधर्माध्यक्ष गाच्या ने कहा, युद्धविराम से बातचीत के लिए जगह बनेगी, भले ही यह कितना भी कठिन क्यों न हो, ताकि गाज़ा में अभी भी बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके और आवश्यक मानवतावादी सहायता के वितरण को सुविधाजनक बनाया जा सके।
दो-राज्य समाधान
इटली के महाधर्माध्यक्ष गाच्या ने अपना भाषण यह कहते हुए समाप्त किया कि "हर इंसान, चाहे वह ईसाई, यहूदी, मुस्लिम, किसी भी धर्म का क्यों न हो, ईश्वर की दृष्टि में पवित्र और अनमोल है और उसे शांति से रहने का अधिकार है।
परमधर्मपीठ और वाटिकन के रुख को दुहराते हुए उन्होंने कहा कि शांति प्राप्त करने के लिए सबसे व्यवहार्य तरीका दो-राज्य समाधान है, जिसमें "येरूसालेम शहर के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गारंटीकृत विशेष दर्जा" हो।
महाधर्माध्यक्ष ने निष्कर्ष निकाला कि यह महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, "फिलिस्तीन राज्य और इज़राइल राज्य के नेताओं के साथ", "नए दृढ़ संकल्प" के साथ इस समाधान को आगे बढ़ाए, ताकि "हृदय की कठोरता पर मानवता की जीत हो सके।" ”
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