पोप: स्वच्छ ऊर्जा के लिए नवीकरणीय स्रोतों और जिम्मेदार उपभोग की आवश्यकता
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शनिवार, 31 अगस्त 2024 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को इटली के "तेरना" कंपनी के प्रबंधक और कर्मचारियों से मुलाकात की।
संत पापा ने दल को सम्बोधित करते हुए कहा, “मुझे एक ऐसी कंपनी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है जो इटली और यूरोप के आर्थिक और सामाजिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवालों में से एक है, तथा जिसकी अन्य देशों में भी महत्वपूर्ण उपस्थिति है।”
उन्होंने कहा, “आप आमहित, प्रत्येक व्यक्ति की भलाई के संचालक हैं। जब हम घर में लाइट जलाते हैं, तो हम यह नहीं सोचते कि यह काम कई लोगों के काम, उनकी बुद्धिमत्ता और योग्यता तथा उनके त्याग के कारण संभव है।”
उन लोगों के प्रति दुःख प्रकट करते हुए जो उर्जा संरचना में काम करते समय गिरकर, मौत के शिकार हो गये, पोप ने कहा, “आइए, हम उन लोगों को न भूलें जो ऊर्जा संरचना में काम करते हुए शहीद हो गए, और यह सुनिश्चित करें कि ऐसी घटना अब और न हों!”
बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध
तेरना कंपनी के सदस्यों को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि वे स्वच्छ उर्जा से सशक्त भविष्य के लिए काम करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।” “चूँकि ग्रह पर बहुत सारी गंदी ऊर्जा है।”
उन्होंने कहा, “बेशक, यह बहुत सारे जीवाश्म और गैर-नवीकरणीय स्रोतों के कारण गंदा हुआ है; लेकिन अन्याय, युद्धों से भी गंदा हो रहा है जो ऊर्जा की भूख; अनुचित श्रम, कुछ ही हाथों में भारी मुनाफे के संकेन्द्रण से, अस्थिर कार्य लय से उत्पन्न होते हैं जो व्यापार संबंधों और लोगों की आत्माओं को प्रदूषित करते हैं। अच्छी ऊर्जा केवल एक तकनीकी मुद्दा नहीं है: उत्पादन और खपत को तेजी से न्यायसंगत और समावेशी भी बनना है।”
वास्तव में, ऊर्जा समावेशन, ऊर्जा लोकतंत्र, आज एक बहुआयामी चुनौती है। हम एक संप्रभु नागरिक नहीं हो सकते यदि उर्जा के लिए दूसरों पर आश्रित हों। यही कारण है कि ऊर्जा समुदायों का प्रसार, अभिन्न नागरिकता और लोकतंत्र की वे नई अभिव्यक्तियाँ हैं, जो कठिनाई के साथ इटली में भी विकसित हो रही हैं, एवं समर्थन और प्रोत्साहन के योग्य हैं।
उद्योग में पारदर्षिता
संत पापा ने गौर किया कि वे जीवन की गुणवत्ता और ग्रह के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण विभाग में काम कर रहे हैं अतः कहा, “आपकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है।” इसके लिए उन्होंने लोगों को सुनने और उनका प्रत्युत्तर देने का प्रोत्साहन दिया। सवालों को सुनना और उनका जवाब देने की कोशिश करना हमेशा जिम्मेदारी की बात होती है, तब भी जब देने के लिए कोई ठोस जवाब न हो। और, ऐसे मामलों में जो असुलझे लगते हैं, आपको संघर्षों को प्रबंधित करने की कला सीखने की ज़रूरत है, ताकि उन्हें बिगड़ने और विस्फोट न होने दें; यह जानते हुए कि, विशेष रूप से आपके क्षेत्र में, समाधान एक पक्ष द्वारा दूसरे पर हावी होने में नहीं है, यह तकनीकी नवाचार और रचनात्मकता में निहित है।”
संत पापा ने उनके कार्य की पारदर्शिता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आपके पास एक नैतिक समिति भी है, और यह अच्छी बात है। हर बड़ी कंपनी, हर बड़े बैंक के लिए एक नैतिक समिति होना ज़रूरी है, संभवतः स्वामित्व से स्वतंत्र बाहरी सदस्यों और श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ। क्योंकि बड़ी आर्थिक और वित्तीय संस्थाओं द्वारा उत्पन्न प्रभाव उनकी सीमाओं से कहीं आगे तक जाते हैं।”
जीवन में बदलाव
संत पापा ने “इलेकट्रिक ग्रीड” की ओर ध्यान आकृष्ट करे हुए कहा कि इसका प्रयोग उन प्रणालियों और कनेक्शनों के समूह को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो हमारे क्षेत्र को पार करते हैं और उसे चिह्नित करते हैं। यह एक जटिल प्रणाली है जिसमें सब कुछ जुड़ा हुआ है, जहां ऊर्जा पहाड़ी पर स्थित अंतिम घर तक पहुंच सकती है, क्योंकि केबल के उस अंतिम हिस्से के पीछे एक संपूर्ण प्रणाली है जो उसे समर्थन देती है।
संत पापा ने गरीबों को बिजली देने में उनके सहयोगों की सराहना की तथा याद किया कि किस तरह लोगों ने अपने घरों में पहली बार बिजली पाकर उसे “चमत्कार” माना और ईश्वर को धन्यवाद दिया। उनके जीवन में सुधार हुआ, बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई करने लगे।
आज भी, अफ्रीका और एशिया के कुछ गांवों में, शाम के समय युवाओं को स्ट्रीट लैंप के नीचे पढ़ते, देखा जा सकता है, क्योंकि उनके घरों में बिजली नहीं है।
संत पापा ने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है कि युद्ध के दौरान शहरों में सबसे पहले बिजली से चलने वाली अवसंरचनाएं प्रभावित होती हैं, क्योंकि इससे परिवारों का जीवन सीधे तौर पर प्रभावित होता है और लोगों का मनोबल टूटता है।
संत पापा ने तेरना कंपनी के सदस्यों से अंत में कहा कि काम सामाजिक प्रेम, नागरिक भाईचारा भी है। ऊर्जा के उत्पादन और वितरण में, आप अपनी बुद्धि, अपनी आत्मा, अपना दिल, अपना प्यार लगाते हैं। हमें उसे और अधिक याद रखना चाहिए, और इसलिए अधिक धन्यवाद देना चाहिए। अंत में उन्होंने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
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