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मरियम के सदृश आश्चर्य और सत्यनिष्ठा की जरुरत

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र, देश-विदेश के तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को, मरियम के निष्कलंक गभार्गमन महापर्व के उपलक्ष्य में सम्बोधित करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि मरियम के सदृश आश्चर्य और सत्यनिष्ठा की आज नितान्त आवश्यकता है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 8 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र, देश-विदेश के तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को, मरियम के निष्कलंक गभार्गमन महापर्व के उपलक्ष्य में सम्बोधित करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि मरियम के सदृश आश्चर्य और सत्यनिष्ठा की आज नितान्त आवश्यकता है।   

गुरुवार को मध्यान्ह देवदूत प्रार्थना से पूर्व तीर्थयात्रियों को सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि इस दिन हमारे समक्ष सन्त लूकस रचित सुसमाचार का वह पाठ प्रस्तुत किया जाता है जिसमें गाब्रिएल दूत के सन्देश को, हालांकि आश्चर्य के साथ, मरियम विनम्रतापूर्वक सत्यनिष्ठा से स्वीकार करती हैं।

ईश्वर के कार्यों पर आश्चर्य

सन्त पापा ने कहा कि मरियम का व्यवहार दर्शाता कि किस प्रकार उन्होंने निष्कलंक होने के ईश्वर के अद्वितीय वरदान को स्वीकार किया। ईश कार्यों के प्रति मरियम का भाव आश्चर्य का रहा और साथ ही साधारण से साधारण चीज़ों में उनका व्यवहार सत्यनिष्ठा का रहा।

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि स्वर्गदूत मरियम से कहता है, "प्रणाम मरियम, आनन्दित हो, अनुग्रह से परिपूर्ण: प्रभु तुम्हारे साथ हैं। सुसमाचार लेखक लूकस ध्यान आकर्षित कराते हैं कि कुँवारी मरियम "बहुत परेशान थीं... और यह समझने की कोशिश कर रही थीं कि यह किस प्रकार का अभिवादन हो सकता था।" उन्होंने कहा, "वे आश्चर्यचकित, स्तब्ध और परेशान थीं: जब वे खुद के लिये "अनुग्रह से परिपूर्ण" अर्थात ईश्वर के प्रेम से परिपूर्ण जैसे शब्द सुनती हैं तब वे आश्चर्यचकित हो उठती हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि मरियम का यह व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण हैः ईश्वर के वरदानों के समक्ष आश्चर्यचकित होना,  उनके मूल्य की सराहना करना, उनके द्वारा लाए गए विश्वास और कोमलता पर हर्षित होना। इस विस्मय को दूसरों के सामने प्रदर्शित करना भी महत्वपूर्ण है, केवल दैनिक समस्याओं को ही दूसरों के सामने नहीं रखना बल्कि ईश्वर के उपहारों के बारे में विनम्रतापूर्वक बोलना भी महत्वपूर्ण है।

सत्यनिष्ठा और सादगी

सन्त पापा ने कहा कि मरियम द्वारा प्रदर्शित दूसरा व्यवहार है सत्यनिष्ठा का, साधारण चीज़ों में सत्यनिष्ठ रहना। सन्त पापा ने कहा कि गाब्रिएल दूत के सन्देश से पहले मरियम गाँव की एक साधारण किशोरी थी। सुसमाचारों में इससे पहले नाज़रेथ की भी कहीं हमें चर्चा नहीं मिलती है। एक युवा किशोरी, जिसने विशेष रूप से अपनी सादगी के कारण, अपने हृदय को किसी भी दाग से सुरक्षित रखा और ईश्वर की कृपा से गर्भवती हुई। अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर के वरदानों का स्वागत करना और उन्हें संजोये रखना तथा उनपर अपनी रोज़मर्रा के ज़िन्दगी में ध्यान देना अनिवार्य है।  

सन्त पापा ने कहा कि मरियम ने सादगी के द्वारा बेदाग गर्भाधान का अपार उपहार प्राप्त किया क्योंकि उन्होंने ईश वचन का अपने दैनिक जीवन में स्वागत किया: ईश वचन जिसे उन्होंने आराधनालय में सुना और जिसपर उन्होंने विश्वास किया, जिसमें उनके माता-पिता ने उसे शिक्षित किया होगा; उन्होंने उदारता और तत्परता से ईश वचन को ग्रहण किया तथा निष्ठापूर्वक ईश्वर के इस उपहार को अपने भीतर विकसित होने दिया। इस तरह उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन द्वारा प्रभु ईश्वर के प्रति स्वतः को अर्पित कर दिया।

सन्त पापा ने कहा कि मरियम के सदृश ही हम भी अपने दैनिक जीवन में सत्यनिष्ठा के भाव को विकसित करते हुए अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर अग्रसर रहें और प्रभु की उपस्थिति को अपने जीवन में महसूस करें। निष्कलंक मां मरियम हमें ईश्वर के उपहारों पर आश्चर्यचकित होने और हर दिन विश्वसनीय उदारता के साथ उनका प्रत्युत्तर देने में मदद करें।

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08 December 2023, 16:22