ҽ

संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोप फ्राँसिस : ख्रीस्त का संदेश पूरी दुनिया में फैलायें

पोप फ्राँसिस ने उत्तरी इटली के त्रिवेनेतो ईशशास्त्र संकाय की बीसवीं वर्षगांठ मनानेवाले शिक्षकों और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे "दुनिया में ख्रीस्त के संदेश का प्रसार करें, वास्तविक परंपरा के प्रति वफादार रहें, लेकिन समय के संकेतों को पढ़ने के लिए भी खुले रहें।"

वाटिकन न्यूज

पोप फ्राँसिस ने शिक्षकों से आग्रह किया है कि वे ख्रीस्त के संदेश और कलॶसिया के मिशन को समकालीन समय में ईमानदारी और प्रभावी ढंग से प्रसारित करें।

संत पापा ने अपनी ये बातें त्रिवेनेतो के ईशशास्त्र संकाय की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रेषित एक पत्र में कही है। 28 जनवरी को पोप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र को संस्था के रेक्टर फादर मौरित्सियो जिरोलामी को भेजा गया।

त्रिवेनेतो के ईशशास्त्र संकय जिसका केंद्र पादुआ में है उत्तरी इतालवी प्रांत वेनेतो, फ्रिउली-वेनेत्सिया जुलिया और त्रेनतिनो अल्तो-अदिजे में पाँच ईशशास्त्रीय संस्थानों और धार्मिक विज्ञान के सात श्रेष्ठ संस्थानों के एक नेटवर्क को जोड़ता है। इसकी स्थापना 2005 में हुई है।

अपने पत्र में, संत पापा ने उल्लेख किया कि संकाय की बीसवीं वर्षगांठ उन्हें "इन वर्षों में किए गए अच्छे कार्यों, विशेषकर, क्षेत्र की युवा पीढ़ियों के लाभ के लिए प्रभु के प्रति धन्यवाद समारोह में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है।"

ख्रीस्त को दुनिया में लाना

संत पापा ने रेखांकित किया, "मैं पूरे शैक्षणिक परिवार को कलॶसिया के मिशन के साथ अपने सहयोग में दृढ़ रहने, दुनिया में ख्रीस्त का संदेश फैलाने, वास्तविक परंपरा के प्रति वफादार होने, साथ ही समय के संकेतों को पढ़ने के लिए खुले रहने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।"

पोप ने समझाया, "इसका मतलब समकालीन मनुष्य तक सुसमाचार की सच्चाई को प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए साहसपूर्वक नई चुनौतियों का सामना करना है।"

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, पोप ने संकाय से आह्वान किया कि "न केवल धर्मशास्त्र के अध्ययन और गहनता के माध्यम से, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के ख्रीस्तीय साक्ष्य के माध्यम से भी, प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण स्थान बनें।"

उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि शिक्षक खासकर, युवाओं को सत्य, अच्छाई और सुंदरता के आधार पर खुद को महसूस करने में मदद करेंगे, जिसका स्रोत ईश्वर है।"

इन भावनाओं के साथ, पोप फ्राँसिस ने उनके चल रहे शैक्षिक मिशन और प्रतिबद्धता के लिए अपने आभार को नवीनीकृत करते हुए, उन पर और उनके प्रयासों पर कुँवारी मरियम की सुरक्षा का आह्वान किया और अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 फ़रवरी 2025, 16:53