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JORDAN-CHRISTIANITY-CHURCH

जॉर्डन: आशा की जयंती वर्ष में एक जबरदस्त अनुभव

विश्व अंतरधार्मिक सौहार्द सप्ताह में, जॉर्डन के पर्यटन और पुरावशेष मंत्री तथा येसु के बपतिस्मा स्थल के निदेशक देश की तीर्थयात्राओं के महत्व का वर्णन करते हैं।

वाटिकन न्यूज

जॉर्डन, बृहस्पतिवार, 6 फरवरी 2025 (रेई) : हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम समझौते के तुरंत बाद, पवित्र भूमि के संरक्षक और येरूसालेम के लैटिन पैट्रिआर्क ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक बार फिर पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा करने की अपील की।

लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबाला ने तीर्थयात्रा को “पूरी तरह सुरक्षित” बतलाया और फ्राँसिसकन फादर पैटन ने लोगों को तीर्थयात्री के रूप में येरूसालेम जाने और हमारे विश्वास के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पवित्र भूमि के छोटे ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति अपनी निकटता व्यक्त की।

जॉर्डन: जहाँ ख्रीस्तीय धर्म की शुरुआत हुई

जॉर्डन की पर्यटन और पुरावशेष मंत्री लीना अन्नाब ने पवित्र भूमि पर लौटने के इस निमंत्रण को दोहराया। वाटिकन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने इन तीर्थयात्राओं के महत्व पर ज़ोर दिया क्योंकि जॉर्डन वह जगह है जहाँ "ख्रीस्तीयों की उपस्थिति शुरू हुई, जहाँ ख्रीस्तीय रहते हैं।"

2024 में, इस क्षेत्र में विभिन्न घटनाओं के परिणामस्वरूप देश में आनेवाले आगंतुकों की संख्या में लगभग 4% की गिरावट आई, जिसमें इस्राएल और हमास के बीच युद्ध भी शामिल है। अन्नाब ने इसे चिंताजनक बताया क्योंकि ख्रीस्तीय उपस्थिति, "चाहे ऐतिहासिक, वर्तमान या भविष्य की उपस्थिति हो, हम कौन हैं, हमारी पहचान का एक अभिन्न अंग है।"

दुनिया की लगभग 30% आबादी ईसाई है, इसलिए जॉर्डन के साथ ऐतिहासिक संबंधों का दूरगामी प्रभाव है। अभी हाल ही में, 31 जनवरी को, वाटिकन में "जॉर्डन: डॉन ऑफ क्रिश्चियनिटी" नामक एक प्रदर्शनी खोली गई, जिसमें "तीर्थ स्थलों के प्रदर्शन के माध्यम से जॉर्डन में ख्रीस्तीय धर्म के इतिहास, विरासत और समृद्ध परंपरा को प्रस्तुत किया गया।" यह आगंतुकों को इन महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों का स्वाद चखाता है, खासकर, उन लोगों के लिए जो इस क्षेत्र की यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं।

लेकिन आशा के जयंती वर्ष और युद्ध विराम समझौते के शुरू होने के साथ, अन्नाब ने उम्मीद जताई कि जॉर्डन की यात्राएँ खुलेंगी और ज़्यादा लोग देश का दौरा करेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जॉर्डन और वहाँ के विभिन्न पवित्र स्थलों का दौरा करना एक "जबरदस्त अनुभव हो सकता है, जहाँ लोग आकर आध्यात्मिकता, शांत और शांति की भावना को देख एवं अनुभव कर सकते हैं जो इन स्थलों पर जाने पर मिलती है।"

जॉर्डन : एक दण्डमोचन का स्थान

इन पवित्र स्थलों में से एक जॉर्डन के पार बेथानी में येसु के बपतिस्मा का स्थान है। वर्ष की शुरुआत में, प्रभु के बपतिस्मा गिरजाघर का उद्घाटन किया गया और इसे जयंती वर्ष के लिए तीर्थस्थल का नाम दिया गया, जहाँ लोग पूर्ण दण्मोचन प्राप्त कर सकते हैं। बपतिस्मा स्थल के निदेशक, रुस्तम मखजियान ने बताया कि धार्मिक स्थल होने के अलावा, इसका उद्देश्य "पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बनना है कि लोग कैसे प्रेम और शांति से रह सकते हैं।" उन्होंने इसे सार्वभौमिकता के एक स्थान के रूप में वर्णित किया, जहाँ विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग एक साथ आए हैं: काथलिक और बैपटिस्ट से लेकर लक्जमबर्ग और स्वीडन के राजघराने तक।

1 – 7 फरवरी को विश्व अंतर धार्मिक सौहार्द सप्ताह मनाया जा रहा है जिसको सबसे पहले जॉर्डन के राजा अब्दूल्लाह द्वितीय ने अमरीका में 2010 में किया था। निर्देशक मखजियन ने बताया कि बपतिस्मा स्थल इस संवाद के लिए एक स्थान है - जहाँ एक यहूदी, ख्रीस्तीय और मुस्लिम इस स्थल पर आते हैं "और वे तीनों एक साथ पुकारते हैं।"

निर्देशक ने इस दृश्य पर जोर दिया कि आज दुनिया को इसकी सख्त जरूरत है, और वह स्थान जहाँ आशा और अंतरधार्मिक मुलाकातों की ये तीर्थयात्राएँ पाई जाती हैं, वह "न केवल बपतिस्मा बाइबिल है, बल्कि जॉर्डन" भी है।

 

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06 फ़रवरी 2025, 16:24