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बुधवारीय आम दर्शन के दौरान संत पापा फ्राँसिस बुधवारीय आम दर्शन के दौरान संत पापा फ्राँसिस  

प्रेम की भाषा बोलें मिशनरी, सन्त पापा फ्राँसिस

पोर्तो रिको के पोंसे शहर में 19 से 24 नवम्बर तक आयोजित छठवें अमरीकी मिशनरी कांग्रेस (सीएएम-6) में भाग लेने वाले लगभग 1,300 प्रतिभागियों को सन्त पापा फ्रांसिस ने गुरुवार को एक संदेश भेजा।

वाटिकन सिटी

पोर्तो रिको, शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): समस्त अमरीका के मिशनरियों के लिए आयोजित एक सम्मेलन को दिए संदेश में, सन्त पापा फ्रांसिस ने कलीसिया के प्रेरितिक कार्यकर्त्ताओं को लोगों से प्रेम की भाषा में बात करने के लिए आमंत्रित किया, जिसे सम्पूर्ण मानवता समझ सके।

अमरीकी महाद्वीपों के मिशनरी

पोर्तो रिको के पोंसे शहर में 19 से 24 नवम्बर तक आयोजित छठवें अमरीकी मिशनरी कांग्रेस (सीएएम-6) में भाग लेने वाले लगभग 1,300 प्रतिभागियों को सन्त पापा फ्रांसिस ने गुरुवार को एक संदेश भेजा। "पवित्रआत्मा में सुसमाचार प्रचारक: पृथ्वी के छोर तक" शीर्षक के अन्तर्गत जारी सम्मेलन में अपने प्रेरितिक कार्यों को साझा करने के लिए अमरीकी महाद्वीपों के मिशनरी पोर्तो रिको के पोंसे शहर में एकत्र हुए हैं।

सन्त पापा के विशेष दूत और कराकास के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल बाल्ताज़ार एनरिक पोरस कार्डोज़ो को प्रेषित संदेश में सन्त पापा फ्रांसिस ने सभी मिशनरियों से आग्रह किया कि वे त्रियेक ईश्वर से अनवरत प्रार्थना करें ताकि ईश्वर "अपना प्रेम उंडेलें और पृथ्वी का चेहरा नवीनीकृत करें।"

अथाह ख्रीस्तीय आनन्द

सन्त पापा ने कलीसिया के सुसमाचार-प्रचार मिशन की नींव पर विचार करते हुए कहा कि यह प्रभु येसु मसीह के साथ हमारे व्यक्तिगत और प्रेमपूर्ण मिलन पर आधारित है। उन्होंने कहा, "हम वह नहीं दे सकते जो हमारे पास नहीं है। हम वह व्यक्त नहीं कर सकते जो हमने अनुभव नहीं किया है, जिसे हमारी आँखों ने नहीं देखा है, या जिसे हमारे हाथों ने नहीं छुआ है।"

सन्त पापा ने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त स्वयं एक मिशनरी थे, जिन्होंने पिता ईश्वर के साथ प्रार्थना में समय व्यतीत करने के बाद अपने हृदय की परिपूर्णता से बात की। अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि हर बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय धर्मानुयायी की बुलाहट है कि वह " करुणामय, स्वागत करने वाली और दयालु दृष्टिवाली 'ख्रीस्तीयपरक' आँखों से ईश्वर को देखे, संसार को देखे तथा उनमें अपने भाइयों और बहनों को देखे।"

पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से

सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा कि जब वास्तव में पुनर्जीवित प्रभु ख्रीस्त से हमारा साक्षात्कार होता है तो हम ख्रीस्तीय लोग अपने आनन्द को रोक नहीं पाते हैं, पवित्र आत्मा हमें शब्दों और गवाही में उस आनन्द को व्यक्त करने के लिये प्रेरित करते हैं।

उन्होंने कहा, "पवित्रआत्मा की जीवनदायी शक्ति और सामर्थ्य के माध्यम से, हम प्रत्येक भाषा में संदेश प्रसारित कर सकते हैं, न केवल इसलिए कि कलीसिया सभी भाषाओं में बोलती है, बल्कि सबसे बढ़कर इसलिये कि वह सदैव एक ही भाषा बोलती है, जो है प्रेम की भाषा, जो पूरी मानवता के लिए समझने योग्य है, क्योंकि यह ईश्वर की छवि में निर्मित हमारे सार का हिस्सा है।"

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22 November 2024, 11:11