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संत पापा फ्रांसिस देवदूत प्रार्थना में संत पापा फ्रांसिस देवदूत प्रार्थना में 

संत पापाः विश्वास और आशा में येसु की ओर आयें

संत पापा फ्रांसिस ने अपने रविवारीय देवदूत प्रार्थना में ख्रीस्त के प्रेम और करूणा पर प्रकाश डाला जो जीवन में परिवर्तन लाता और हमें आनंद से भरता है।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने अपने देवदूत प्रार्थना में दिये गये संदेश में कहा कि ईश्वर में विश्वास करना हमें मुक्ति प्रदान करती है।

उन्होंने रविवारीय धर्मविधि, संत मारकुस सुसमाचार में अंधे व्यक्ति बारथोलोमी की चंगाई पर चिंतन करते हुए कहा कि येसु उसकी सुनते हैं, उन्हें देखते हैं और अंतत उन्हें चंगाई प्रदान करते हैं। येसु उसके विश्वास को देखते हैं जो उसे उनके पास आने हेतु सारी चीजों से परे जानो को प्रेरित करता है।

बारथोलोमी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने विश्वासी समुदाय को तीन बातें- पुकार, विश्ववास और यात्रा की ओर ध्यान देने का आहृवान किया।

पुकार

संत पापा ने कहा कि बारथोलोमी की पुकार एक साधारण पुकार नहीं थी बल्कि उसमें एक सुद्ढ़ता थी। वह येसु को पुकार कर कहता है कि मैं जीवित हूँ, “मैं आपको नहीं देख सकता हूँ येसु, क्या आप मुझे देखते हैंॽ और येसु उसकी ओर देखते हैं। येसु भीक्षा मांगने वाले उस व्यक्ति को न केवल देखते हैं बल्कि “उसकी बातों को कानों और हृदय से सुनते हैं।”

विश्वास में बचाने की शक्ति

संत पापा ने दूसरे बिन्दु विश्वास के संबंध में कहा, “येसु बारथोलोमी से कहते हैं तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें बचाया है।” वह देखने में सक्षम होता है क्योंकि वह विश्वास करता है, वह हमारे लिए इस बात को ओर इंगित करता है कि येसु ख्रीस्त उसके आंखों की रोशनी हैं।

संत पापा ने कहा, “हम एक भिखारी को कैसी निगाहों से देखते हैंॽ क्या मैं उसे नजरअदांज करता हूँॽ क्या मैं उसे येसु की निगाहों से देखता हूँॽ

दिशा

संत पापा ने यात्रा के बारे में कहा कि चंगाई प्राप्त करने के उपरांत बारथोलोमी येसु के पीछे हो लेता है। हममें से हर कोई बारथोलोमी की भांति है जो अंदर से अंधा है, जो एक बार उनके निकट आने के बाद उसका अनुसरण करने लगता है।

इससे भी बढ़कर, संत पापा ने गरीबों की सभों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, यदि आप एक गरीब को अपनी निकटता का सहचर्य देते तो उस व्यक्ति में आप अपने को येसु के निकट आता पाते हैं। दान देने में सबसे अधिक देने वाले को प्राप्त होता है क्योंकि येसु उनकी ओर अपनी निगाहें फेरते हैं।

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28 October 2024, 10:03

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

ताजा देवदूत प्रार्थना/स्वर्ग की रानी

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